सनथ जयसूर्या के बल्ले ने मचाया कहर, श्रीलंका ने एक पारी में बनाए 952 रन, कप्तान सचिन हुए शर्मिंदा

स्पोर्ट्स डेस्क:- 1997 का वर्ष था जब भारत और श्रीलंका ने पहला टेस्ट मैच कोलंबो में खेला था। भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 8 विकेट खोकर 537 रन बनाने के बाद शुरू की। भारतीय खेमा और प्रशंसक बहुत खुश थे। यह, हालांकि, तूफान से पहले शांति थी, क्योंकि श्रीलंका के गेंदबाजों ने भारतीय बॉलिंग अटैक का जो जवाब दिया था, आज भी इतिहास में है।

टीम इंडिया ने कभी नहीं सोचा था कि श्रीलंका स्कोर बोर्ड पर इतने रन टांग देगा। इस मुकाबले में भारतीय टीम का कप्तान सचिन तेंदुलकर शर्मिंदगी का शिकार हुआ। यह टेस्ट मैच था, जिसे सचिन और टीम इंडिया कभी भी याद नहीं करना चाहेंगे।

भारतीय गेंदबाजों को सन्त जयसूर्या को हराया

श्रीलंका ने भारत के 537 रन के जवाब में बल्लेबाजी की। मार्वन अटापट्टू ने चलते बनते हुए सिर्फ 26 रन बनाए। बाद में रोशन महानामा ने क्रीज पर बल्ला थामकर उतरे, जिससे भारतीय गेंदबाजी अटैक से संघर्ष शुरू हुआ। दूसरे विकेट के लिए जयसूर्या और रोशन ने देखते ही देखते 576 रन जोड़ डाले।

वेंकटेश प्रसाद की पेस और अनिल कुंबले की फिरकी दोनों भारत के लिए फायदेमंद नहीं थीं। जयसूर्या ने शतक, दोहरा शतक और तिहरा शतक हासिल किए। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने बैट से कुल 340 रन बनाए। वहीं, उनके पार्टनर रोशन ने 225 रन बनाए। श्रीलंका ने अपना पहला विकेट 39 रन पर गंवाया, फिर भारत को दूसरा विकेट पाने के लिए 576 रन चाहिए थे।

कप्तान और अरविंद डी सिल्वा ने जमाया रंग

भारतीय गेंदबाज रोशन महानामा और जयसूर्या को जल्दी-जल्दी बाहर करने में सफल रहे। लेकिन उस दिन श्रीलंका का बैटिंग ऑर्डर पूरी तरह से काम कर रहा था। भारतीय गेंदबाजों का जीना इसके बाद अरविंदा डी सिल्वा और कप्तान अर्जुना रणतुंगा ने हराम किया। श्रीलंकाई कप्तान ने 86 रन जड़े, जबकि अरविंदा ने 126 रन कूटे। वहीं, महेला जयवर्धने ने 66 रन की पारी भी खेली।

भारतीय टीम के गेंदबाजों के झुके हुए कंधे और लटके हुए चेहरे श्रीलंका की पारी के अंत में मेजबानों के आगे घुटने टेक चुके थे। श्रीलंका ने 6 विकेट खोकर 952 रन बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में बनाया गया सबसे बड़ा टोटल है। आज भी यह रिकॉर्ड बरकरार है।

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