Solar facing Yojana: किसानों को खेत में वायरिंग के लिए मिलेगी 1.43 लाख रुपये की सब्सिडी, यहां पाएं पूरी जानकारी

Solar facing Yojana : आवारा जानवरों से अपनी फसल बचाने के लिए हमारे किसानों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गोवंश पशुओं के कारण किसानों को फसल उत्पादन में बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। नील गाय, गाय, सांड, भैंस आदि फसलों को खा जाते हैं। किसानों की साल भर की मेहनत पर जानवरों ने एक रात में ही पानी फेर दिया। यूपी सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए सोलर फेंसिंग कार्यक्रम शुरू किया है।

सोलर फेंसिंग योजना से पशुओं को बिना नुकसान के खेत से निकाल सकते हैं। योजना का उद्देश्य किसानों के खेत के तार को सौर ऊर्जा से संचालित करना है। सोलर फेंसिंग योजना भी किसानों को 1.43 लाख रुपए की सब्सिडी देती है। खेत में सोलर फेंसिंग का उपयोग करना आसान है।

आवारा पशुओं से खेत की सुरक्षा के लिए सोलर योजना की शुरुआत कैसे हुई? खेत की तारबंदी कराने पर किसान मुख्यमंत्री सोलर कृषि योजना से 1.43 लाख रुपए की सब्सिडी पा सकते हैं। पशुओं को कंटीले तारों में उलझने से पहले नुकसान हुआ था, लेकिन अब सोलर फेंसिंग योजना में कोई नुकसान नहीं होगा।

सोलर फेसिंग योजना का उपयोग करके किसान अपने पूरे खेत को तार लगा सकता है। जब कोई आवारा पशु सोलर फेंसिंग के संपर्क में आता है, तो उसे 12 वोल्ट का एक हल्का झटका लगता है, जिससे वह डरकर खेत से भाग जाता है। इससे जानवर और खेत सुरक्षित रहते हैं।

मीडिया रोड रिपोर्ट के अनुसार, सौर ऊर्जा से संचालित बैटरी लगाने के लिए किसानों को कुल लागत का 60% अनुदान, यानी अधिकतम 1.43 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। प्रति हेक्टेयर अनुदान निर्धारित होगा।

मुख्यमंत्री सोलर फेसिंग योजना के अंतर्गत खेत के चारों ओर सोलर फेसिंग से जुड़े तार लगाए जाएंगे। सौर ऊर्जा से संचालित बैटरी इसमें प्रयोग की जाएगी। इन नंगे तारों को खेत के चारों ओर लगाया जाएगा, जहां 12 वोल्ट का करंट प्रवाहित होगा। किसान को सायरन, स्टार्टर, खंबे और पैनल भी लगाना होगा।

सायरन बजता है जब कोई पशु खेत के चारों ओर लगे 12 वोल्ट के करंट से टकराता है, तो उसे जोर का झटका लगता है। यह सिर्फ पशुओं और मनुष्यों को चोट लगेगी, हालांकि जानवरों को कोई नुकसान नहीं होगा। इससे पशु डर जाते हैं और फसल को नुकसान नहीं होता।

किसानों को खेत में सोलर फेसिंग सिस्टम बनाने के लिए एक बड़ी बैटरी, बायर, स्टार्टर, खंबे, पैनल, सायरन और खंबे लगाना होगा। किसानों को तार से बांधने के लिए दोनों खंबे के बीच 5 मीटर की दूरी होनी चाहिए। साथ ही तारों को जमीन से 1.5 से 2.10 मीटर की ऊंचाई पर रखना चाहिए। किसानों को एक हेक्टर में कुल 400 मीटर तारबंदी करनी होगी और 7 से 9 छत वाली लाइनें लगानी होगी।

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